कच्चे तेल की कीमतों में आई 5 साल की सबसे बड़ी गिरावट
नई दिल्ली,07 मार्च (आरएनएस)। अंतरराष्ट्रीय बाजार में बीते शुक्रवार को कच्चे तेल की कीमतों में 10 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई है। कच्चे तेल के भाव में यह गिरावट ओपीईसी देशों द्वारा प्रोडक्शन में कटौती नहीं करने के फैसले के बाद देखने को मिली। इसीलिए एक्सपट्र्स मान रहे है कि भारत में पेट्रोल-डीजल के दाम आने वाले महीनों में 4 रुपये प्रति लीटर तक कम हो सकते है।
सूत्रों के अनुसार यह गिरावट अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों की वजह से आई है। मसलन यूएस डब्ल्यूटीआर और ब्रेंट क्रुड तेल के भाव में गिरावट आई। दोनों कच्चे तेल के भाव में क्रमशरू 10.07 फीसदी और 9.4 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के भाव में इस कटौती का सीधा लाभ घरेूल बाजार में भी देखने को मिलेगा। इस साल अब तक पेट्रोल के दाम में 4 रुपये प्रति लीटर की कटौती हो चुकी है। वहीं डीजल के भाव की बात करें तो साल की शुरुआत से लेकर अब तक 4.15 रुपये प्रति लीटर तक की कटौती हुई है। गौरतलब है साल 2008 में सबसे बड़ी कटौती की गई थी। फिलहाल कोरोना वायरस के प्रकोप के बाद से ही कच्चे तेल के डिमांड में कमी रही है। यही कारण है कि वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। बता दें कि पिछली बार साल 2008 में ओपेक व उसके सहयोगी देशों ने कच्चे तेल के उत्पादन में 42 लाख बैरल प्रति दिन की कटौती की थी।
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