एयर इंडिया के रणनीतिक विनिवेश के लिए प्रारंभिक सूचना ज्ञापन जारी

नईदिल्ली, 27 जनवरी (आरएनएस)। नागर विमानन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप एस पुरी ने कहा है कि एयर इंडिया के रणनीतिक विनिवेश के लिए बोली लगाने में अभिरुचि रखने वाले निवेशकों से अभिरुचि की अव्यक्ति (ईओआई) अमंत्रित करने के लिए नवगठित एयर इंडिया विशिष्ठ वैकल्पिक व्यवस्था (एआईएसएएम) ने प्रारंभिक सूचना ज्ञापन (पीआईएम) जारी करने की स्वीकृति दे दी है। माननीय गृहमंत्री की अध्यक्षता में बनी एआईएसएएम में सदस्य के रूप में वाणिज्य और उद्योग, वित्त और कारपोरेट कार्य और नागर विमानन मंत्री हैं। हरदीप एस पुरी सोमवार को नई दिल्ली में संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने बताया कि सरकार ने एयर इंडिया के रणनतिक विनिवेश के लिए अभिरुचि की अभिव्यक्ति की मंजूरी के लिए पीआईएम जारी किये हैं।
पुरी ने बताया कि एयर इंडिया तथा एयर इंडिया एक्सप्रेस के बेड़े में 146 विमान हैं। इनमें से 82 विमानों का स्वामित्व एयर इंडिया के पास है। एयर इंडिया के पास विश्व व्यापी द्वीपक्षीय अधिकार हैं और यह घरेलू तथा अंतरराष्ट्रीय सेवाओं में फैली हुई है। उन्होंने बताया कि 2018-19 में एयर इंडिया तथा एयर इंडिया एक्सप्रेस से लगभग 26.2 मिलियन यात्रियों ने यात्रा की। एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस के विमानों की औसत आयु 8 वर्ष हैं जो नये बेड़े में आते हैं। एयर इंडिया के पास 27 बोईंग- 787 विमान 5 वर्ष के ही हैं और 27 एयर बस- 320 नियो (सीएफएम इंजन) 2 वर्ष के हैं। भारतीय विमान सेवाओं में भारत से आने-जाने वाली अंतरराष्ट्रीय विमान सेवाओं में एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस की भागीदारी लगभग 51 प्रतिशत है। वैश्विक विमान सेवाओं में (भारत से अलग) भारत की हिस्सेदारी 18 प्रतिशत है।
उन्होंने कहा कि एयर इंडिया 56 घरेलू तथा 42 अंतरराष्ट्रीय स्थानों के साथ 98 स्थानों को कवर करती है। एयर इंडिया कोड शेयर ऑपरेशन के सेकेंडरी नेटवर्क के माध्यम से 75 अतिरिक्त स्थानों को भी कवर करती है। उन्होंने बताया कि 2018-19 में एयर इंडिया तथा एयर इंडिया एक्सप्रेस का साझा राजस्व 30,632करोड़ रुपये रहा। यह भारतीय विमान सेवाओं में सबसे अधिक है। एयर इंडिया +एयर इंडिया एक्सप्रेस की कर्मचारी लागत राजस्व प्रतिशत के रूप में लगभग 11 प्रतिशत है जो भारतीय विमान सेवाओं से तुलना योग्य है और अंतरराष्ट्रीय विमान सेवाओं से काफी कम है। एआईएसएटीएस दिल्ली, बेगलूरु, हैदराबाद, तिरुअनंतपुरम तथा मंगलोर जैसे महत्वपूर्ण हवाई हड्डों पर इनहाउस ग्राउंड हैंडलिंग सुविधाएं प्रदान करती है। वर्ष 2012 के बाद से कंपनी को मुनाफे में लाने की योजना के अनुसार कंपनी में 30,500 करोड़ रुपये निवेश करने के बाद भी एयर इंडिया को प्रत्येक वर्ष नुकसान उठाना पड़ रहा है। 60,000 करोड़ रुपये के लगभग एकत्रित ऋण के कारण एयर इंडिया की वित्तीय स्थिति बहुत नाजुक है।
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