एनआरसी समन्वयक से सफाई मांगे असम सरकार: सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली,07 जनवरी (आरएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को असम सरकार से नवनियुक्त एनआरसी समन्वयक हितेशदेव शर्मा से उनकी फेसबुक पोस्ट पर सफाई मांगने को कहा है। दरअसल, शर्मा ने अपनी पोस्ट में अवैध घुसपैठियों के बारे में आपत्तिजनक व सांप्रदायिक पोस्ट की थी।
चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने यह निर्देश शर्मा को समन्वयक पद हटाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया। वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि शर्मा ने पोस्ट में ‘पूर्वी पाकिस्तानी मुस्लिम और ‘अल्पसंख्यक तुष्टिकरण जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया। इससे उनका झुकाव दिखता है। हालांकि पीठ ने शुरुआत में कहा कि अधिकारी की ईमानदारी पर संदेह नहीं किया जा सकता। संभव है कि पोस्ट उन्होंने एनआरसी समन्वयक बनने से पहले की हो, लेकिन बाद में अधिकारी से सफाई मांगने का निर्देश दिया। कोर्ट ने केंद्र व असम सरकार की ओर से पेश सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा, उन्हें (हितेश देव को) ऐसा नहीं कहना चाहिए था। आप उनसे सफाई मांगकर कोर्ट में पेश कीजिए। 1986 बैच के असम सिविल सेवा अधिकारी शर्मा को प्रतीक हजेला की जगह एनआरसी समन्वयक नियुक्त किया गया है।
बच्चों को डिटेंशन सेंटर नहीं भेजा जाएगा रू केंद्र सरकार
केंद्र सरकार की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट को भरोसा दिलाया कि एनआरसी में छूटे ऐसे 60 बच्चों को डिटेंशन सेंटर नहीं भेजा जाएगा जिनके माता-पिता का नाम अंतिम सूची में शामिल है। अटॉर्नी जनरल ने कहा कि इन बच्चों को इनके माता-पिता से अलग नहीं किया जाएगा। ऐसा अंदेशा था कि इन बच्चों को डिटेंशन सेंटर भेजा जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने एनआरसी से जुड़ी याचिकाओं पर केंद्र व असम सरकार को नोटिस जारी कर चार हफ्तों में जवाब मांगा है।
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