कांग्रेस ने की जेएनयू में हिंसा की न्यायिक जांच कराने की मांग
नई दिल्ली,06 जनवरी (आरएनएस)। कांग्रेस ने गृह मंत्री अमित शाह पर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में हमला करने वालों को संरक्षण देने का सोमवार को आरोप लगाया और कहा कि इस मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए।
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा कि मोदी और अमित शाह ने छात्रों पर दमन चक्र चलाकर ना शासन की याद 90 साल बाद दिला दी। जिस तरह से छात्रों, छात्राओं और शिक्षकों पर हमला किया गया और जिस प्रकार पुलिस मूकदर्शक बनी रही, वह दिखाता है कि देश में प्रजातंत्र का शासन नहीं बचा है। उन्होंने कहा कि युवा प्रजातंत्र और संविधान पर हमले के खिलाफ आवाज उठाते हैं तो उनकी आवाज दबाई जाती है। जान लीजिए मोदी, युवाओं की आवाज नहीं दबने वाली है। सरकार प्रायोजित आतंकवाद और गुंडागर्दी नहीं चलने वाली है।
सुरजेवाला ने कहा कि ऐसा लगता है कि मोदी और अमित शाह की सरकार के रूप में ना शासन आ गया है। इन गुंडों का ताल्लुक भाजपा और एबीवीपी से था। यह सब कुलपति की मूक सहमति से हो रहा था। यब सब अमित शाह के मौन समर्थन से हुआ। उन्होंने कहा, हम मोदी , अमित शाह , भाजपा और एबीवीपी की कड़ी निंदा करते है। सुरजेवाला ने कहा कि सरकार प्रायोजित आतंकवाद और गुंडागर्दी के लिए अमित शाह जिम्मेदार हैं। अमित शाह , आपकी किसी जांच पर भरोसा नहीं है क्योंकि इस गुंडागर्दी को आपका संरक्षण हासिल था। उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि न्यायिक जांच हो। उच्चतम न्यायालय अथवा दिल्ली उच्च न्यायालय के किसी वर्तमान न्यायधीश से जांच कराई जाए। इसी से सच्चाई सामने आएगी। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय और जेएनयू प्रशासन की भूमिका की जांच होनी चाहिए।
दिग्विजय ने अमित शाह का मांगा इस्तीफा
वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने इस घटना को लेकर गृह मंत्री से जवाब मांगा है। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने घटना की कड़ी निंदा की। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि जेएनयू विश्वविद्यालय के छात्राओं के होस्टल में रात को घुस कर एबीवीपी के गुंडों द्वारा जो मारपीट की है उसकी मैं घोर निंदा करता हूं। दिल्ली पुलिस देखती रही। क्या भारत के गृह मंत्री पर जवाबदारी नहीं बनती? गृह मंत्री या तो इन गुंडों पर सख्त कार्रवाई करें या इस्तीफा दें।
जेएनयू में हिंसा बंद करो मोदी सरकार- सिंघवी
कांग्रेस के एक और वरिष्ठ नेता और वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने जेएनयू हिंसा को लेकर तीन ट्वीट किए। पहले ट्वीट में उन्होंने कहा कि वाट्सएप संदेशों की सामग्री जिसमें घुसपैठियों द्वारा लगाए गए (नकली) राष्ट्रवाद के नारे और वामपंथ के खिलाफ अत्यधिक भड़काऊ और उकसाने वाली टिप्पणी से साफ हो जाता है कि जेएनयू में गुंडागर्दी करने वाले और सत्तारूढ़ पार्टी के बीच संबंध है।
००