केन्द्र ने बांटे अनधिकृत कॉलोनियों के मालिकाना हक प्रमाणपत्र

नई दिल्ली,03 जनवरी (आरएनएस)। आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने दिल्ली में अगले महीने संभावित विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राष्ट्रीय राजधानी में 1731 अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने की घोषणा के तहत इन कालोनियों में रहने वालों को संपत्ति का मालिकाना हक देने की प्रक्रिया शुक्रवार को शुरू कर दी।
केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने संपत्ति के मालिकाना हक के प्रमाणपत्र और इसके पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी करने वाले 20 लोगों को रजिस्ट्री के दस्तावेज सौंप कर इसकी शुरुआत की। पुरी ने दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल और डीडीए के उपाध्यक्ष तरुण कपूर की मौजूदगी में पहले 20 लाभार्थियों को संपत्ति के दस्तावेज सौंपे। संपत्ति का पहला पंजीकरण प्रमाणपत्र समयपुर बादली स्थित सूरज पार्क कालोनी की पिंकी शर्मा को दिया गया। पुरी ने बताया कि पहले 20 लाभार्थी सूरज पार्क और राजा विहार कॉलोनी के हैं। उन्होंने कहा कि इन लोगों ने 16 दिसंबर को संपत्ति के पंजीकरण के लिये आवेदन प्रक्रिया शुरु किये जाने के बाद आवेदन किया। आवेदकों के दस्तावेजों की जांच और शुल्क अदायगी की प्रक्रिया पूरी करने वालों को मालिकाना हक दिया है। मालिकाना हक पाने वाले 20 लोगों में 11 राजा विहार कालोनी के निवासी हैं और नौ सूरज पार्क कालोनी के हैं। ये दोनों अनधिकृत कालोनियां रोहिणी विधानसभा क्षेत्र में स्थित हैं। उन्होंने कहा कि शुल्क के एवज में मिलने वाली राशि से ‘विशेष विकास कोषÓ बनाया गया है। इससे इन कालोनियों में विकास कार्य होंगे। पुरी ने कहा कि आवेदकों के दस्तावेजों की जांच का काम तेज गति से चल रहा है। आने वाले दिनों में पंजीकरण प्रमाणपत्र दिये जाने के काम में तेजी आयेगी। उल्लेखनीय है कि मंत्रालय ने संसद द्वारा अलग से पारित कानून के माध्यम से पीएम उदय योजना के तहत 1731 कालोनियाँ नियमित की हैं। इस दौरान डीडीए के उपाध्यक्ष तरुण कपूर ने कहा कि डीडीए कालोनियों का नक्शा (ले आउट प्लान) भी बनाया जायेगा।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल 22 फरवरी को पूरा होने से पहले चुनाव होने हैं। इसके मद्देनजर भाजपा ने केन्द्र सरकार के माध्यम से अनधिकृत कालोनियों को नियमित करने की पहल कर चुनावी तुरुप का पत्ता चला है। भाजपा इसे दिल्ली में सत्तारूढ़ आप सरकार के मुफ्त बिजली पानी के माकूल जवाब के रूप में देख रही है। अनधिकृत कालोनियों को नियमित करने का मुद्दा लगभग तीन दशक पुराना है। मालिकाना हक पाने वालों में शुमार सूरज पार्क कालोनी के निवासी करमचंद शर्मा ने पीटीआई भाषा को बताया कि उन्होंने अपने मकान के पंजीकरण के लिये 18 दिसंबर को आवेदन किया था। उन्होंने बताया कि उनका चार मंजिला मकान 103 वर्ग मीटर के प्लाट पर निर्मित है। उन्होंने कहा कि इसके पंजीकरण के लिये उन्होंने ‘पीएम उदयÓ योजना के तहत 89100 रुपये शुल्क के रूप में दिया। स्थानीय सर्किल रेट के हिसाब से अगर वह पंजीकरण कराते तो उन्हें लगभग 61 लाख रुपये देने पड़ते।
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