पर्यावरण कानूनों के दायरे में हैं भारतीय जल क्षेत्र में आने वाले जहाज:एनजीटी
नई दिल्ली,20 दिसंबर (आरएनएस)। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने कहा है कि भारतीय समुद्री क्षेत्र में प्रवेश करने वाले जहाजों के कारण होने वाले वायु प्रदूषण के प्रभावी निगरानी का अभाव है। एनजीटी ने कहा कि जहाजों का भारतीय जल क्षेत्र में प्रवेश करना पर्यावरण कानून के दायरे में आता है।
न्यायमूर्ति रघुवेंद्र एस राठौर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि सभी भारतीय और विदेशी जहाजों का भारतीय समुद्री क्षेत्र में प्रवेश करना भारतीय व्यापारी नौवहन नियम के तहत विस्तृत नियमावली तय होने तक पर्यावरण (संरक्षण) कानून, 1986, वायु (प्रदूषण नियंत्रण और रोकथाम) कानून 1981 के संबंधित प्रावधानों के दायरे में आता है । एनजीटी ने पोत परिवहन मंत्रालय और पोत परिवहन के महानिदेशक को विस्तृत व्यापारी नौवहन नियम के साथ आने को कहा है। यह नियम व्यापारिक जहाजों के साथ ही मछली पकडऩे वाली नौकाओं के लिए भी प्रभावी होगा, जिसमें जेनसेट का इस्तेमाल होता है । यह आदेश वकील शिवानी घोष की याचिका पर आया है, जिन्होंने भारतीय जलक्षेत्र में प्रवेश करने वाले जहाजों और नौकाओं के कारण होने वाले प्रदूषण पर निगरानी की मांग की और इस संबंध में एक रिपोर्ट एनजीटी में दाखिल की। याचिका में भारतीय जल क्षेत्र में प्रवेश करने वाले जहाजों और डॉक यार्ड अथवा बंदरगाह पर रूके जहाजों के ईंधन जलने के कारण होने वाले प्रदूषण का उल्लेख किया गया। इसमें कहा गया कि जहाज से खतरनाक किस्म की गैसों का उत्सर्जन होता है।
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