(महत्वपूर्ण)(नईदिल्ली)देश के हर रेप मामलों पर निगाहें रखेगा सुप्रीम कोर्ट

0-सीजेआई ने बनाई दो जजों की कमेटी
नई दिल्ली,16 दिसंबर (आरएनएस)। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एसए बोबडे ने प्रशासनिक स्तर पर निर्णय लेते हुए देश के हर रेप मामले पर निगाह रखने के लिए और मामले के जल्द से जल्द निपटारे के लिए सुप्रीम कोर्ट के दो जजों की एक कमेटी बनाई है।
सुप्रीम कोर्ट के जजों की इस कमेटी में जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और जस्टिस एमआर शाह होंगे। कमेटी देश की हर छोटी बड़ी अदालत यानी ट्रायल कोर्ट और हाई कोर्ट में रेप से संबंधित मामले के निपटारे में तेजी लाने से संबंधित कदम उठाएगी। इसी मामले से जुड़े पॉक्सो कोर्ट को लेकर राज्य सरकारों के रवैये पर सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर कड़ी नाराजगी जताई है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकारें कोर्ट के आदेश का अनुपालन ठीक से नहीं कर रही हैं, जबकि कोर्ट ने अपने आदेश में साफ कहा था कि जिन जिलों में 100 से ज्यादा पॉक्सो के मामले हैं, वहां पॉक्सो कोर्ट और विशेष वकील की नियुक्ति की जाए।
रेप के आंकड़े भयावह
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े देखें तो पता चलता है कि महिलाओं के लिए बलात्कार का खतरा पिछले 17 सालों की तुलना में लगभग दोगुना हो गया है। एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक 2001-2017 के बीच पूरे भारत में कुल 4,15,786 बलात्कार के मामले दर्ज हुए। पिछले 17 सालों के दौरान पूरे देश में प्रतिदिन औसतन 67 महिलाओं के साथ बलात्कार हुए, यानी 17 सालों में हर घंटे औसतन तीन महिलाओं के साथ बलात्कार हुआ है। 2001 में जहां देश भर में बलात्कार के कुल 16,075 मामले दर्ज हुए थे, वहीं 2017 में यह संख्या बढ़कर 32,559 हो गई, यानी 17 सालों में बलात्कार के मामलों में 103 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई।
सबसे ज्यादा बढ़ोत्तरी गोवा में
अगर प्रतिशत में देखा जाए तो बलात्कार से जुड़े मामलों में सबसे ज्यादा बढ़ोत्तरी गोवा में दर्ज की गई है। गोवा में 2001 में 12 मामले दर्ज हुए थे, जबकि 2017 में 76 मामले दर्ज हुए. इस तरह गोवा में 17 सालों में बलात्कार के मामलों में 533 फीसदी बढ़ोत्तरी हुई। इसके बाद दूसरा नंबर उत्तराखंड का है जहां पर बलात्कार के मामलों में 405 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी दर्ज हुई है।
पॉक्सो कोर्ट पर राज्य सरकारों को लगाई फटकार
पॉक्सो कोर्ट को लेकर राज्य सरकारों के रवैये पर सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर कड़ी नाराजगी जताई है. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकारें कोर्ट के आदेश का अनुपालन ठीक से नहीं कर रही हैं, जबकि कोर्ट ने अपने आदेश में साफ कहा था कि जिन जिलों में 100 से ज्यादा पॉक्सो के मामले हैं, वहां पॉक्सो कोर्ट और विशेष वकील की नियुक्ति की जाए। सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य सरकारों को कहा कि फरवरी तक जिन जिलों में 100 से ज्यादा पॉक्सो के मामले हैं, वहां विशेष पॉक्सो कोर्ट का गठन करें। जहां केवल बच्चों से जुड़े यौन उत्पीडऩ के मामले की सुनवाई होगी। वहीं 300 से ज्यादा मामले वाले जिलों में 2 विशेष पॉक्सो कोर्ट का गठन किया जाएं। इससे पहले रेप और पॉक्सो के मामलों में जल्दी कार्रवाई के लिए कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने चि_ी लिखी थी। यह चि_ी सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और सभी हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को लिखी गई। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सभी मुख्यमंत्रियों से अपील की गई है कि रेप और पॉक्सो के मामलों में जांच 2 महीने में पूरी की जाए। वहीं हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस से अपील की गई है कि इन मामलों में ट्रायल 6 महीने में पूरा कराया जाए। अभी देश में 700 फास्ट ट्रैक कोर्ट चल रहे हैं, जबकि 1023 नए कोर्ट खोले जा रहे हैं।
००

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »