हैदराबाद एनकाउंटर पर सुप्रीम कोर्ट का तीन सदस्यीय आयोग करेगा जांच
नई दिल्ली,12 दिसंबर (आरएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने हैदराबाद एनकाउंटर केस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच आयोग का गठन कर दिया है। हैदराबाद एनकाउंटर की जांच पर निगरानी के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक कमेटी बनाई है। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस वी एस सिरपुरकर की अगुवाई में जांच होगी। छह महीने में अपनी रिपोर्ट पेश करेंगे। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने हैदराबाद एनकाउंटर की सभी जांचों के साथ मीडिया पर इस मामले में किसी भी तरह की खबर प्रकाशित और प्रसारित करने पर रोक लगा दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने रिटायर जज वीएस सिरपुरकर की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच आयोग का गठन कर दिया है। इस आयोग में बॉम्बे हाई कोर्ट की रिटायर जज रेखा बलदोटा और सीबीआई के पूर्व निदेशक कार्तिकेयन शामिल हैं। यह जांच आयोग 6 महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। फाइनल ऑर्डर आने तक प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर रोक बरकरार रहेगी। इससे पहले हैदराबाद एनकाउंटर केस में सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश एसए बोवडे ने कहा कि लोगों को सच जानने का अधिकार है, हमारे विचार में मुठभेड़ की एक स्वतंत्र जांच होनी चाहिए। अगर आप कहते हैं कि आप आपराधिक अदालत में उन पर (मुठभेड़ में शामिल पुलिस) के खिलाफ मुकदमा चलाने जा रहे हैं, तो हमारे लिए ऐसा करने के लिए कुछ भी नहीं है। लेकिन अगर आप कहते हैं कि वे निर्दोष हैं तो लोगों को सच्चाई पता होनी चाहिए। जांच होने दीजिए, आप इसके खिलाफ क्यों हैं। अगर आप पुलिस वालों के खिलाफ क्रिमिनल ट्रायल चलाते हैं तो हम कोई आदेश नहीं जारी करेंगे। इस पर तेलंगाना पुलिस की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के मामले की जांच की निगरानी करने के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश को पहले नियुक्त किया है और एक जज जांच नहीं कर सकते है। तेलंगाना सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी और अधिवक्ता कृषांक कमार सिंह ने कहा कि उन्होंने मुठभेड़ के मामले में शीर्ष अदालत द्वारा प्रतिपादित निर्देशों का पालन किया है और सारे मामले को पहले ही राज्य सीआईडी के सुपुर्द कर दिया है।
इससे पहले बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह इस मामले की जांच के लिए शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश को नियुक्त करने पर विचार कर रहा है। मुख्य न्यायाधीश एस.ए. बोबडे की पीठ ने कहा कि हम इस तथ्य के प्रति सचेत हैं कि तेलंगाना उच्च न्यायालय ने इस घटना का संज्ञान लिया है। पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत सिर्फ यही चाहती है कि उच्चतम न्यायालय के दिल्ली में रहने वाले किसी पूर्व न्यायाधीश को इस मामले की जांच करनी चाहिए। हमारा प्रस्ताव शीर्ष अदालत के किसी पूर्व न्यायाधीश को इस मामले की जांच के लिए नियुक्त करने का है। पीठ ने स्पष्ट किया कि इस घटना की जांच करने वाले पूर्व न्यायाधीश को दिल्ली में रहकर काम करना होगा।
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