आरएएफ की महिला कैडेटों ने भी सराहनीय काम किया:शाह
अहमदाबाद,30 सितंबर (आरएनएस)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने द्रुत कार्य बल के स्थापना दिवस पर कहा कि द्रुत कार्य बल (आरएएफ) के जवानों ने अपनी निष्ठा और अपने लगन-पूर्वक कार्य से अपनी साख बनाई है तथा विभिन्न चुनौतियों में सुरक्षा बल ने गौरव पूर्ण कार्य किए हैं। शाह ने कहा कि सीआरपीएफ तथा आरएएफ के जवान दंगा तो नियंत्रित करते ही हैं, कई स्थानों पर दंगा न हो इसलिए पहले से उपलब्ध भी रहते हैं तथा ये सुरक्षा बल प्राकृतिक आपदा में भी महत्वपूर्ण भूमिका में द्रुत गति से काम करता है। शाह ने भगवान जगन्नाथ की यात्रा का उदाहरण देते हुए कहा कि द्रुत कार्य बल के जवान हमेशा महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए दिखाई पड़ते हैं। उन्होंने आगे कहा कि इन बलों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यूएन के कई मिशनो में भी काम किया है। शाह ने बताया कि आरएएफ की महिला कैडेटों ने भी सराहनीय काम किया है और यूएन के शांति मिशन में जाने वाली पहली महिला टुकड़ी बनी। स्वच्छ भारत अभियान, जागरूकता अभियान आदि में भी आरएएफ की महत्वपूर्ण भूमिका है। साबरमती आश्रम से लेकर इंडिया गेट तक साइकिल यात्रा चलाई गई जो महत्वपूर्ण है। इसके साथ कई इलाकों में वृक्षारोपण कर पर्यावरण के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय काम किया है। शाह ने आरएएफ की 27 वीं वर्षगांठ पर संतोष व्यक्त किया कि जिस उद्देश्य के साथ आरएएफ की स्थापना की गई थी, आरएएफ ने सभी अपेक्षाओं को पूर्ण किया है।
अमित शाह ने इस मौके पर बधाई देते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी द्वारा जवानों का सच्चा सम्मान कश्मीर में धारा 370 और 35ए को हटाकर तथा शांति की शुरुआत कर किया गया है। उनका कहना था कि जवानों का बलिदान लंबे समय से यह मांग कर रहा था किंतु पिछले 70 सालों में इस तरफ न तो ध्यान दिया गया और न ही साफ नियत से काम किया गया। शाह का कहना था कि 2019 में देश की जनता ने नरेंद्र मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री बनाया और मोदी ने संसद के पहले सत्र में ही धारा 370 हटाने का साहसिक कदम लिया है। उन्होंने नरेंद्र मोदी को बधाई दी और कहा कि हम मोदी के नेतृत्व में नया भारत बनाने के लिए पूरे जोशो-खरोश के साथ आगे बढ़ेंगे । उनका यह भी कहना था कि जम्मू-कश्मीर की जनता को मैं आश्वासन देता हूं कि जम्मू-कश्मीर विकास एवं शांति के रास्ते पर चलेगा और जिस किसी की भी नियत कश्मीर को अशांत करने की होगी, सुरक्षा बल उसको माकूल जवाब देंगे
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