जल संरक्षण और प्लास्टिक के एकल उपयोग की समाप्ति को जन आंदोलन बनाएं : नायडू

नई दिल्ली ,18 सितंबर (आरएनएस)। उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने विद्यार्थियों, शिक्षकों तथा सभी शिक्षण संस्थानों से जल संरक्षण और प्लास्टिक के एकल उपयोग की समाप्ति को जन आंदोलन बनाने का आह्वान किया है।
उत्तराखंड की 10वीं बोर्ड परीक्षा में उच्च स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों के समूह को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने स्वच्छ भारत, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, प्रति बूंद अधिक फसल, पोषण अभियान तथा योग की चर्चा करते हुए कहा कि इन सबके बारे में जन आंदोलन चलाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को जल और वन संसाधन वरदान में मिले हैं और इन संसाधनों का संरक्षण लोगों का पवित्र कर्तव्य है।
नायडू ने जल संरक्षण पर बल देते हुए कहा कि जल पृथ्वी का अमृत है। उन्होंने कहा कि जब हम चन्द्रमा पर जीवन की खोज में जल का अंश देख रहे है तब हमें धरती पर जल संरक्षण को अधिक महत्व देना चाहिए।
उत्तराखंड में सौंदर्य स्थलों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि पर्यटन को प्रोत्साहित करने की अपार संभावना है, विशेषकर धार्मिक पर्यटन को क्योंकि इससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
उपराष्ट्रपति ने 2022 तक 15 नए घरेलू पर्यटन स्थलों की संभावना तलाशने के प्रधानमंत्री के आग्रह की याद दिलाते हुए कहा कि विद्यार्थियों के लिए भ्रमण स्वयं में सीखने की प्रक्रिया है क्योंकि भ्रमण से हम देश की सांस्कृतिक विविधता और एकता से अवगत होते हैं।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि टेक्नोलॉजी तेज गति से बदल रही है इसलिए नए भारत के निर्माण में विद्यार्थियों को नवीनतम प्रौद्योगिकी विकास की जानकारी रखनी चाहिए।
नायडू ने विद्यार्थियों की उपलब्धियों के लिए उनकी सराहना की।
विद्यार्थी देवप्रयाग के विधायक विनोद खंडूरी के साथ आए थे।
उपराष्ट्रपति को बताया गया कि विधायक विनोद खंडूरी ने उत्तराखंड के 51 सरकार स्कूलों के मेधावी विद्यार्थियों के लिए भारत दर्शन कार्यक्रम का आयोजन किया है।
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