संसद में राम मंदिर व राफेल जैसे मुद्दों पर हंगामा

नई दिल्ली ,13 दिसंबर (आरएनएस)। संसद के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन भी राम मंदिर, राफेल, आंध्र प्रदेश के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग और कावेरी मुद्दों पर लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में जोरदार हंगामा हुआ। इस हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही को दो बार के स्थगन के बाद और राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होने के कुछ देर बाद ही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।
लोकसभा में गुरुवार को सुबह कार्यवाही शुरू होने पर राम मंदिर, राफेल, आंध्र प्रदेश के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग और कावेरी मुद्दों पर शिवसेना, कांग्रेस, तेदेपा और अन्नाद्रमुक के सदस्यों ने लोकसभा में खूब हंगामा किया, जिसके कारण लोकसभा की कार्यवाही कुछ मिनटों बाद 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। सरकार में सहयोगी दल शिवसेना के साथ ही विपक्षी दलों कांग्रेस, तेलुगुदेशम पार्टी और अन्नाद्रमुक के सदस्यों के अलग-अलग मुद्दों पर हंगामे के कारण लोकसभा में लगातार दूसरे दिन कोई कामकाज नहीं हो सका। सुबह दो बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई वैसे ही तेदेपा और अन्नाद्रमुक के सदस्य अपनी-अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी करते हुए सदन के बीचों-बीच आ गए। अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सबको उनकी बात रखने का मौका दिये जाने का आश्वासन देते हुये उनसे अपने-अपने स्थान पर वापस जाने का अनुरोध किया, लेकिन वे नहीं मानें। इस बीच कांग्रेस तथा शिवसेना के सदस्य भी अपनी सीटों पर खड़े होकर नारेबाजी कर रहे थे। उन्होंने हाथों में अपनी मांगों की तख्तियां भी ले रखी थीं। कांग्रेस के सदस्य जहां राफेल विमान सौदे में कथित अनियमितताओं की संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने की मांग कर रहे थे, वहीं शिवसेना जल्द से जल्द अयोध्या में राम मंदिर निमार्ण को लेकर अड़ी हुई है। तेदेपा के सदस्य आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने और आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम के अनुरूप राज्य में विकास कार्यों के लिए धन की मांग कर रहे हैं। अन्नाद्रमुक के सदस्य कावेरी जल बंटवारे और किसानों के मुद्दों पर हंगामा कर रहे हैं। शोर-शराबे के बीच ही महाजन ने शून्यकाल की कार्यवाही शुरू की और शिवसेना के आनंद राव अड़सुल और भारतीय जनता पार्टी की मीनाक्षी लेखी को उनकी बात रखने का मौका दिया। इस बीच कांग्रेस के सदस्य भी अध्यक्ष के आसन के करीब आ गये। कुछ देर समझाने-बुझाने के बाद भी हंगामा कर रहे सदस्य शांत नहीं हुये तो श्रीमती महाजन ने सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी।
राज्यसभा में नहीं चला शून्यकाल
उधर राज्यसभा में गुरुवार को जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई और सभापति एम. वेंकैया नायडू ने आवश्यक कागजात सदन के पटल पर रखवाने के बाद शून्यकाल शुरू करने का ऐलान किया तो कावेरी नदी पर बांध बनाए जाने के विरोध समेत अन्य मुद्दों पर अन्नाद्रमुक, द्रमुक सदस्यों सहित विभिन्न दलों के सदस्यों ने जोरदार हंगामा किया, जिसके कारण राज्यसभा की बैठक शुरू होने के करीब दस मिनट बाद ही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। हंगामे की वजह से उच्च सदन में आज भी शून्यकाल तक नहीं हो पाया। राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होने पर संसद भवन पर हुए आतंकवादी हमले की 17वीं बरसी पर उस हमले में मारे गए लोगों को सदन में श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाने के बाद नायडू ने कहा कि अलग अलग मुद्दों पर चर्चा के लिए उन्हें चार नोटिस मिले हैं, जिन्हें उन्होंने स्वीकार नहीं किया है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु, जम्मू कश्मीर, आंध्रप्रदेश से जुड़े मुद्दों तथा अन्य सभी मुद्दों पर सदन में चर्चा कराई जाएगी। नायडू अपनी बात पूरी भी नहीं कर पाए थे कि अन्नाद्रमुक के सदस्य कावेरी नदी पर बांध बनाए जाने के विरोध में नारे लगाते हुए आसन के समक्ष आए गए। द्रमुक के सदस्य भी यही मुद्दा उठाते हुए अपने स्थानों से आगे आ गए। वाईएसआर कांग्रेस के सदस्य आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग करते हुए आसन के समक्ष आ गए। अन्य दलों के सदस्य अपने अपने स्थानों से ही अपने मुद्दे उठाने की कोशिश करते रहे। इसके बाद सभापति ने आसन के समक्ष आए सदस्यों से अपने स्थानों पर लौट जाने की अपील करते हुए कहा कि हर मुद्दे पर चर्चा की जाएगी। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि सदन चले। इसके बावजूद हंगामा थमता न देख सभापति ने 11 बजकर करीब दस मिनट पर बैठक दिन भर के लिए स्थगित कर दी।
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