सर्वोच्च न्यायालय ने बृजेश ठाकुर की अपील ठुकराई

नई दिल्ली ,10 दिसंबर (आरएनएस)। मेडिकल बोर्ड ने बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले के आरोपी बृजेश ठाकुर की स्वास्थ्य रिपोर्ट को आज उच्चतम न्यायालय में जमा करवाया। इस बोर्ड का गठन न्यायालय ने किया था। रिपोर्ट देखने के बाद न्यायालय ने कहा कि ठाकुर के साथ मारपीट होने के कोई सबूत नहीं मिले हैं। इसके अलावा उच्चतम न्यायालय ने ठाकुर की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उसने बालिका गृह को तोड़े जाने पर रोक लगाने की मांग की थी।
इससे पहले 30 नवंबर को जिलाधिकारी ने मुख्य आरोपी बृजेश ठाकुर की पत्नी और छह लोगों की संपत्ति जब्त करने का आदेश दिया था। जिन लोगों की संपत्ति जब्त करने का आदेश दिया गया था वह सभी सेवा संकल्प समिति से हैं जो कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह चलाते थे। 29 नवंबर को मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड मामले में साइस्ता परवीन उर्फ मधु व अश्विनी कुमार को सीबीआई ने रिमांड पर लिया था। इस पूछताछ के दौरान कई बड़े खुलासे हुए थे। मधु ने सीबीआई अधिकारियों को उन अधिकारियों के नाम भी बताए थे जो बृजेश ठाकुर को बचाने में मदद कर रहे थे। इनमें समाज कल्याण विभाग व स्थानीय पुलिस के कई स्थानीय पुलिस अधिकारी शामिल थे। इसके बाद सीबीआई टीम समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों से पूछताछ की थी। मधु ने सीबीआई को बताया था कि बृजेश के खिलाफ कोई भी मुंह नहीं खोलता था। उसकी सरकारी संगठनों के अधिकारियों से गहरी पैठ थी। बृजेश के कारनामों का पता होने के बाद भी बाल कल्याण समिति और विभागीय अधिकारी चुप रहते थे। साथ ही जांच के बाद भी वह बालिका गृह में सबकुछ ठीक होने की रिपोर्ट देते थे। इस खुलासे के बाद सीबीआई ऐसे अधिकारियों की जांच के लिए सूची तैयार करने में जुट गई थी।
००

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »