डेढ़ दशक में दागी सांसदों की संख्या हुई दोगुनी

नई दिल्ली,15 फरवरी (आरएनएस)। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने सभी राजनीतिक पार्टियों को लोकसभा या विधानसभा चुनाव लडऩे वाले सभी उम्मीदवारों के आपराधिक मामलों की जानकारी देने का आदेश दिया। पार्टियों को ऐसे उम्मीदवारों की जानकारी 48 घंटों के अंदर देनी है। इसके अलावा यह भी बताना है कि इन प्रत्याशियों को चुनाव में क्यों खड़ा किया गया।
असोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉम्र्स)द्वारा किए गए विश्लेषण से पता चलता है कि पिछले 15 सालों के दौरान आपराधिक मुकदमे झेल रहे सांसदों की संख्या में इजाफा हुआ है। हालांकि, कई उम्मीदवारों के खिलाफ की गई शिकायतों की वजह राजनीति भी हो सकती है। उदाहरण के लिए, उदयकुमार एसपी ने कन्याकुमारी सीट से आप के टिकट पर 2014 लोकसभा चुनाव लड़ा। उन्होंने अपने ऐफिडेविट में 382 आपराधिक मुकदमे होने की घोषणा की थी।
जदयू के सबसे ज्यादा दागी सांसद
रिपोर्ट के मुताबिक सबसे ज्यादा दागी सांसदों की बात करें तो जेडीयू इस मामले में नंबर 1 पर है। इसके बाद शिव सेना और कांग्रेस का नंबर है। जेडीयू के 16 में से 13, शिव सेना के 18 में से 11, कांग्रेस के 52 में से 30, बीएसपी के 10 में से 5, लेफ्ट के 6 में 3, डीएमके के 24 में से 11, वाईएसआरसीपी 22 में से 10, टीएमसी के 22 में से 9, एसपी के 5 में से 2, बीजेपी के 302 में 117, टीआरएस के 9 में से 3, बीजेपी के 12 में से 1 सासंद दागी है। पांच पार्टियां ऐसी हैं जिनके आधे से ज्यादा कैंडिडेट दागी हैं। इनमें कांग्रेस, शिव सेना और जेडी यू शामिल हैं।
किसने उतारे सबसे ज्यादा दागी उम्मीदवार
आरजेडी के 21 में से 18, जेडीयू के 24 में से 14, एसपी के 49 में से 26, वाईएसआरसीपी के 25 में से 13, डीएमके के 24 में से 11, बीजेपी के 435 में से 176, कांग्रेस के 420 में 165, लेफ्ट के 158 में से 62, शिव सेना के 97 में से 34, टीएमसी के 62 में से 20, टीआरएस के 17 में से 5, बीएसपी के 380 में से 85, एआईएडीएमके के 22 में से 3 और बीजेपी के 21 में से 1 उम्मीदवार दागी थे। भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवारों की बात करें तो ये सबसे ज्यादा आपराधिक मुकदमे झेल रहे थे। बसपा उन पार्टियों में शामिल थी, जिसके सबसे कम उम्मीदवार आपराधिक मुकदमों में फंसे थे।
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